1. योगासन करने के समय शरीर बिल्कुल साफ-सुथरा होना चाहिए। उस समय शरीर में किसी भी तरह की थकावट या दर्द आदि नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा कुछ लगे तो योगासन नहीं करना चाहिए। लेकिन जिन योगासनों का अभ्यास खास तौर से रोगों को दूर करने के लिए ही किया जाता है, उन्हें तो किया जा सकता है।
2. योगासन को करते समय शौच क्रिया से निवृत हो जाना चाहिए। अपने दांतों को भी साफ कर लेना चाहिए और नहाकर मुद्रा करें तो सबसे अच्छा है। वैसे मुद्रा करने के बाद भी नहा सकते हैं। लेकिन मुद्रा करने से पहले पूरा शरीर बिल्कुल साफ होना चाहिए।
3. योगासन को सुबह सूरज उगने से पहले से लेकर शाम को सूरज डूबने तक किसी भी समय किया जा सकता है। परंतु रोजाना योगासन करने का समय एक ही होना चाहिए। पहले दिन जिस समय योगासन किया जाए उसके बाद रोजाना भी उसी समय योगासन किया जाए तो बहुत अच्छा है। लेकिन फिर भी अगर सुबह के समय इसे किया जाए तो वो शरीर के लिए सबसे ही अच्छा है।
4. योगासन को भोजन करने से कम से कम 2 घंटे पहले या भोजन करने के 4 घंटे बाद करना चाहिए। योगासन करते समय अगर पेट बिल्कुल ही खाली रहे तो बहुत अच्छा है।
5. योगासन का अभ्यास 24 घंटे में सिर्फ 1 बार करना चाहिए। अभ्यास कम से कम 15 मिनट और ज्यादा से ज्यादा 1 घंटे तक करना चाहिए। अगर 1 घंटे तक अभ्यास करना है तो उसे 2 बार में 30-30 मिनट तक करना चाहिए। 30 मिनट अभ्यास करने के बाद कम से कम 30 मिनट तक आराम करना चाहिए।
6. जितने समय तक कोई व्यक्ति योगासन करता है उतने समय तक उसे हल्का, जल्दी पचने वाला और ज्यादा तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन में ज्यादा तेज मिर्च-मसालों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर हरी सब्जियां, सलाद, दूध, मक्खन आदि जल्दी पचने वाले और पौष्टिक भोजन करा जाएं तो ये शरीर के लिए बहुत अच्छे रहते हैं। जितनी भूख लगी हो उससे थोड़ा सा भोजन कम ही खाना चाहिए।
7. योगासन को करने के समय में चाय और काफी ना पी जाए तो अच्छा रहता है। लेकिन अगर इनको पिये बिना न रहा ना जाए तो पूरे दिन में सिर्फ 2 कप ही पीने चाहिए।
8. जितने समय आप योगासन करते हैं उतने समय में जब भी बहुत तेज भूख लगे तब ही भोजन करना चाहिए। अगर पेट में कब्ज का रोग हो जाए तो थोड़ा सा नमक डालकर 2-3 गिलास हल्का गर्म पानी पी लें। फिर कुछ देर तक टहलने के बाद पवन-मुक्तासन, ताड़ासन, भुजंगासन आदि कब्ज को दूर करने वाले आसानों को करने के बाद ही शौच क्रिया के लिए जाना चाहिए। इन आसनों को करने से कब्ज के रोग में बहुत जल्दी लाभ होता है। जब तक कब्ज का रोग हो तब तक भोजन नही करना चाहिए। अगर भूख लगे तो फलों का रस अथवा रस या दूध का सेवन करें। कब्ज को दूर करने के लिए जुलाब आदि किसी औषधि का भी सेवन न करें।
9. भोजन को आराम-आराम से और अच्छी तरह चबाचबाकर करना चाहिए, इससे भोजन जल्दी पच जाता है। भोजन जल्दबाजी में करना अच्छा नही होता है। भोजन में अगर नमक कम ही रखा जाए तो अच्छा रहता है।
10. योगासन का अभ्यास खत्म करने के बाद जितने समय तक योगासन किया गया हो उसका चौथाई हिस्से का समय आराम करना चाहिए। जैसे अगर 30 मिनट तक अभ्यास किया गया हो तो कम से कम 8 मिनट तक आराम करना चाहिए। इसी तरह से अगर 1 घंटे तक अभ्यास किया गया हो तो कम से कम 15 मिनट तक आराम जरूर करना चाहिए।
11. किसी भी योगासन को करते समय अपने दिमाग से चिंता, गुस्सा, घबराहट, जलन, डर, घमंड और बदले की भावना को दूर रखना चाहिए। इसके साथ ही दिमाग पर किसी भी तरह का कोई दबाव नही पड़ना चाहिए। अगर योगासन करते समय उसमें दिल न लगे तो उसका अभ्यास तुरंत ही बंद कर देना चाहिए। शांत मन से की गई क्रिया ही स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहती है।
12. जितने समय आप योगासन करते हैं उतने समय में प्याज, लहसुन, तली हुई चीजें, उड़द, लाल मिर्च जैसे ज्यादा तेज भोजन को खाना छोड़ दें या इन्हें बहुत ही कम मात्रा में लें। नारियल की गिरी या किसी भी प्रकार की गिरी का सेवन करना हानिकारक है। लेकिन काजू, बादाम, अखरोट, चिलगोजा आदि सूखें मेवों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
13. योगासन करने से 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। शराब, भांग, गांजा, अफीम, चरस और तंबाकू का तो बिल्कुल इस्तेमाल न करें तो बहुत अच्छा है।
14. योगासन का अभ्यास करने से पहले एक गिलास ठंडा पानी या ताजा पानी पीने से मल आने में कोई परेशानी नहीं होती है।
15. अगर आपको कोई रोग है और आप रोगों को दूर करने वाले आसन कर रहे हैं तो उस हालत में भोजन में उन्हीं चीजों को इस्तेमाल करना चाहिए जो डाक्टर ने बताई हो। वैसे तो दूध और फल हर रोग में लाभकारी होते हैं लेकिन बहुत से रोगों में इन्हें खाना भी हानिकारक साबित होता है।
16. रोजाना रात को 10 बजे तक सोना और सुबह सूरज उगने से पहले जागना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है। सोते समय अपने दिमाग से सारी चिंताओं को निकाल देना चाहिए, ताकि नींद पूरी हो पाए। अगर किसी भी व्यक्ति की नींद पूरी नहीं हो पाती तो उसका शरीर पूरे दिन थका-थका सा ही रहता है और शरीर तथा दिमाग पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
17. रोजाना योगासन करने से भूख खुलकर लगने लगती है तथा नींद भी अच्छी आने लगती है। लेकिन ये सिर्फ शुरूआती स्थिति के लिए है। सोते समय मुंह, हाथों को कोहनी तक और पांवों को घुटनों तक धोने से नींद बहुत अच्छी आती है।
18. रोजाना सुबह उठते ही ठंडे पानी से नहाना चाहिए। गर्मी में पूरे दिन में 2-3 बार नहाना चाहिए। अगर ज्यादा ठंडा मौसम हो तो पूरे दिन में सिर्फ 1 बार नहाना चाहिए। अगर ठंडे पानी से न नहाया जाए तो पानी को हल्का सा गर्म करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सिर को हमेशा ठंडे पानी से ही धोना चाहिए।
19. नहाने के बाद शरीर को किसी साफ तौलिए से अच्छी तरह रगड़कर साफ कर लेना चाहिए। ऐसा करने से शरीर के रोमछिद्र खुल जाते हैं जिससे शरीर में ताजी हवा के आने और खराब हवा के जाने में कोई परेशानी नही होती।
20. सांस लेने की क्रिया हमेशा नाक के द्वारा ही करनी चाहिए। मुंह से सांस लेना और छोड़ना सही नहीं कहा जा सकता। सांस को हमेशा गहरी ही लेनी चाहिए। जल्दी-जल्दी नही लेना चाहिए। प्राकृतिक सांस हमेशा पेट से ली जाती है सीने से नही।
21. कपड़े हमेशा मौसम के अनुसार साफ, खुले और साफ-सुथरें ही पहनने चाहिए। ओढ़ने, बिछाने तथा इस्तेमाल में आने वाले सारे वस्त्रों का साफ होना बहुत जरूरी है।
22. योगासनों की समाप्ति के बाद उसी समय ठंडी हवा में बाहर नही निकलना चाहिए। जिस स्थान पर योगासन किया जाता है वहां पर ज्यादा तेज हवा नही आनी चाहिए। इसी तरह योगासनों का अभ्यास खत्म करने के बाद तुरंत ही नहाना नहीं चाहिए।
23. सर्दी के मौसम में योगासनों को करते समय छाती को हमेशा ढककर रखना चाहिए। अगर छाती में ठंडी हवा लग जाती है तो इससे बहुत से रोग व्यक्ति को घेर सकते हैं।
24. योगासनों का अभ्यास पूरा हो जाने के बाद तुरंत ही पेशाब करके आ जाना चाहिए। इससे इकट्ठा हुआ पेशाब शरीर से बाहर निकल आता है।
25. अगर योगासन करने वाले व्यक्ति की आंतों में सूजन, खुजली आदि हो या उसे पेट में गैस बनने का रोग हो तो उसे शीर्षासन नहीं करना चाहिए। जिस-जिस आसन को जिस-जिस रोग के लिए अच्छा बताया गया है उनके लिए उन्हीं आसनों को करना चाहिए। अगर कोई रोग न हो तो उस हालत में कोई सा भी योगासन किया जा सकता है।
26. शुरूआत में किसी भी आसन को करने में बहुत परेशानी आती है तथा हाथ-पैर आदि शरीर के अंगों को मोड़ पाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन धीरे-धीरे लगातार अभ्यास करते रहने से कुछ ही दिनों में सारी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं और सारे अंग बड़ी ही आसानी से मुड़ जाते हैं। योगासन के शुरुआती दिनों में जो क्रिया जितनी हो सके उतनी ही करनी चाहिए तथा फिर धीरे-धीरे इनको करने का समय बढ़ाते जाए।
27. सबसे पहले योगासन, इसके बाद प्राणायाम और आखिरी में ध्यान लगाना सबसे अच्छा रहता है। लेकिन बहुत से लोग इनमें से कोई सी भी एक या दो क्रियाओं को करना चाहते हैं तो वे अपनी इच्छा के मुताबिक कर सकते हैं। सिर्फ योगासन, सिर्फ प्राणायाम या सिर्फ ध्यान भी लाभकारी रहते हैं। लेकिन योगासन और प्राणायाम या योगासन और ध्यान को एकसाथ किया जाए तो अच्छा रहता है। अगर तीनों क्रियाओं को एक साथ करें तो सबसे ही अच्छा है।
26. योगासन के लिए 30 मिनट, प्राणायाम के लिए 10 मिनट और ध्यान के लिए 10 मिनट तथा हर एक के बीच में और आखिरी में 10-10 मिनट का आराम करना चाहिए। इस तरह से अगर 80 मिनट का समय रोजाना इस काम को दिया जा सके तो उसका पूरी तरह से लाभ प्राप्त होता है।
27. भोजन को आराम-आराम से और अच्छी तरह चबाचबाकर करना चाहिए, इससे भोजन जल्दी पच जाता है। भोजन जल्दबाजी में करना अच्छा नही होता है। भोजन में अगर नमक कम ही रखा जाए तो अच्छा रहता है।
28. टट्टी-पेशाब, छींक आदि के आने पर कभी रोकना नही चाहिए। अगर योगासन को करते समय इनमें से कोई चीज आए तो तुरंत ही उससे निवृत हो जाना चाहिए और फिर योगासन चालू करना चाहिए।
29. पूरे हफ्ते में कम से कम 1 बार पूरे शरीर की तेल से मालिश करना लाभदायक रहता है।
30. गमिर्यों के मौसम में सुबह सूरज उगने के समय और सर्दियों में दोपहर के समय नंगे बदन धूप में बैठे रहने से शरीर को लाभ पहुंचता है। इस तरह धूप लेने से शरीर के अंदर के बहुत सारे रोग समाप्त हो जाते हैं और खून भी साफ हो जाता है। इससे शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी पैदा होती है।
31. रोजाना सुबह-शाम ताजी हवा में घूमने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।