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बालों की सुरक्षा

 

परिचय-

          आज के आधुनिक युग में कोई भी स्त्री चाहती है कि वह सबसे खूबसूरत नजर आए इसलिए वह अपने शरीर का बहुत अच्छी तरह ध्यान रखती है। खूबसूरत दिखने के लिए जो सबसे जरूरी चीज होती है वे होते हैं बाल। स्त्री चाहती है कि उसके बाल लंबे, लहराते और चमकते हुए हो जिससे सभी उसकी तरफ देखें और इसके लिए जरूरी है वह अपने बालों की पूरी तरह से अच्छी तरह देखभाल करें।

          किसी की स्त्री का गोरा मुखड़ा, नशीले आंखें और रेशमी जुल्फे देखकर कोई भी उसकी ओर आकर्षित हो सकता है और इसके लिए जरूरी है चेहरे ओर शरीर के साथ बालों को भी सुन्दर और स्वस्थ बनाकर रखा जाए।

          पहले के जमाने के लोग मानते थे कि स्त्रियों की चाल से उनके चलन का, त्वचा से उनकी पसन्द का और बालों से उनके स्वभाव का अच्छी तरह से पता लगाया जा सकता है। इसलिए तो लंबी और ढीली चोटी पर लगा हुआ फूल जहां उसके चेहरे को कोमल बना देता है वहीं गर्दन पर झूलता हुआ ढीला जूड़ा उसके चेहरे को सलोना और शालीन बना देता है। कटे लहराते बाल आत्मविश्वासी स्वभाव ओर रूखे-सूखे बाल जीवन में रूचि न रखने की बात बताते हैं।

          पहले की महिलाएं मेकअप करने में, बालों को सेट करने में और बालों की देखभाल करने मे पूरी तरह निपुण होती थीं। वे बालों को स्वस्थ और मुलायम रखने के लिए घर के सामान का ही इस्तेमाल किया करती थी जैसे- मुलतानी मिट्टी का लेप, जड़ी बूटियों को इस्तेमाल और बालों को महकाने के लिए सुगंधित तेलों का ही प्रयोग आदि।

          आज के मार्डन युग में बालों का झड़ना, बालों में रूसी होना और उनका समय से पहले ही सफेद होना जैसी शिकायतें ज्यादातर लोगों से सुनने को मिलती है इसलिए बालों की अच्छी तरह से देखभाल करना महिलाओं को सिर्फ शौक न होकर एक बहुत बड़ी जरूरत बन गया है। वे हर समय सोचती रहती है कि बालों को लंबे और घने कैसे करें, क्या करें कि गर्भावस्था में बाल न टूटे, इसके लिए सबसे जरूरी है कि ये पता चलाया जाए कि आखिर बालों को नुकसान क्यों पहुंचता है? छोटी उम्र में ही लगातार सर्दी-जुकाम रहने से या जुकाम पुराना होने से भी बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं। महिलाओं के अन्दर हार्मोंस की गड़बड़ी, चिन्ता करना, ज्यादा गुस्सा करना, लगातार काम करते रहना, हर समय कामुक बातों को सोचते रहना, ज्यादा सहवास करने या पूरी नींद न मिल पाने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।

बालों के प्रकार-

          किसी भी व्यक्ति की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए बालों का बहुत अधिक महत्व होता है। इसलिए बालों की देखभाल करना बहुत जरूरी हैं। व्यक्तियों के बाल कई प्रकार के हो सकते हैं जिसमें सामान्य बाल ही ठीक होते हैं।

सिर में कई प्रकार के रोग हो जाने के कारण बाल भी कई प्रकार के हो जाते हैं।

बालों के प्रकार-

1. सामान्य बाल 2. तैलीय बाल 3. शुष्क बाल 4. दोमुंहे बाल 5. घुंघराले बाल

सामान्य बाल-

          किसी भी व्यक्ति के बाल अगर सामान्य है तो इन्हे सजाने और संवारने में बहुत आसानी रहती है। इन बालों में कभी रूसी भी पैदा नहीं होती। सामान्य बालों को सप्ताह में 1-2 बार थोड़े से शैंपू से धोना चाहिए। अगर आप अपने लिए शैंपू का चुनाव करते हैं तो उस समय केवल शैंपू की सुगंध और झाग को ही नहीं देखना चाहिए क्योंकि ये जरूरी नहीं है कि हर अच्छी खुशबू या ज्यादा झाग देनेवाला शैंपू आपके बालों के लिए अच्छा ही हो बल्कि अच्छा शैंपू तो वह होता है जो आपके बालों को जरूरी पोषण देकर उन्हे स्वस्थ रखें। ऐसे शैंपू में खुशबू और झाग थोड़े कम हो सकते हैं।

          बालों को धोते समय सबसे पहले बालों को गीला कर लें। इसके बाद बालों में शैंपू को लगाएं। बालों की जड़ों में शैंपू से अच्छी तरह से मालिश करें पर ध्यान रहे बालों को ज्यादा रगड़े नहीं। फिर कुछ देर के बाद बालों को धो डाले और दोबारा शैंपू लगाएं। इस तरह से बालों की सफाई सप्ताह में 1 बार की जा सकती है।

          अगर आप अपने बालों को `स्टाइल´ में बनाना चाहती हैं और कण्डीशनर का इस्तेमाल करना भी जरूरी है तो हल्के कण्डीशनर का ही इस्तेमाल करें। बालों को तौलिए से थपथपाकर सुखाएं। बालों को जोर से रगड़े नहीं, नहीं तो बाल टूट भी सकते हैं। बालों पर सावधानी से ब्रश करें और ड्रायर से सेट करें। ड्रायर को बालों से 15 सेंटीमीटर तक दूर रखें। बालों को पूरा-पूरा ही ड्रायर से सुखाने के बजाय हल्की नमी को ब्रश से सुखाना ही अच्छा है। ज्यादा गर्मी देकर बाल सुखाने से बालों में तैलीय स्राव असामान्य होकर बालों में समस्याएं पैदा कर सकता है।

तैलीय बाल-

          बालों की ज्यादातर समस्याएं उन लोगों को होती है जिनके बाल तैलीय होते हैं। दिमाग में ज्यादा परेशानी होने या शरीर में हार्मोन्स की गड़बड़ी के कारण भी ये समस्याएं पैदा हो जाती है। हार्मोन्स की गड़बड़ी की ये समस्याएं बच्चे को जन्म देने के बाद पैदा हो सकती है। इसके अलावा थायराइड ग्रन्थि भी अगर ठीक तरह से सक्रिय नहीं होती तब भी तैलीय बालों में समस्याएं हो जाती है। इस मामले में आपको सब्र से काम लेना चाहिए।

          अगर लगे कि बालों में चिपचिपाहट आ रही है तो तुरन्त बालों को धो डालें नहीं तो बालों में धूल-मिट्टी चिपककर बालों को नुकसान पहुंचा सकती है, बाल झड़ सकते हैं। बालों मे चिकनाई रहने से रूसी पैदा हो सकती है और चेहरे, गर्दन और पीठ की त्वचा भी बेजान सी हो सकती है।

भोजन में ज्यादा चिकनाई वाला भोजन या चाकलेट आदि नहीं खानी चाहिए।

शुष्क बाल-

          शुष्क (रूखे) बालों को सप्ताह में 1-2 बार किसी हल्के शैंपू से धोएं और कण्डीशनर का भी इस्तेमाल करें। कण्डीशनर को बालों में से अच्छी तरह से धोकर निकाल लें ताकि बालों में चिपचिपाहट बाकी न रहें। बालों की जड़ों में हल्की-हल्की उंगलियां चलाएं। सिर की ज्यादातर गन्दगी ज्यों की त्यों बनी रहती है तो बालों के डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

दोमुंहे बाल-

          बालों को किसी तरह का नुकसान पहुंचने से वह शुष्क होकर दोमुंहे हो जाते हैं तथा अपने सिरों पर फट जाते हैं। बालों में रोलर, हेयर ड्रायर आदि के ज्यादा इस्तेमाल से भी बालों में दोमुंहापन आ जाता है। इसके अलावा तेज शैंपू के इस्तेमाल, गन्दी कंघी, ब्रश का इस्तेमाल, भोजन में विटामिनो की कमी आदि के कारण भी बाल दोमुंहे हो जाते हैं।

घुंघराले बाल-

          बारिश में बालों मे नमी, ज्यादा जोर से कंघी या ब्रश करने या रबर बैण्ड के ज्यादा इस्तेमाल से बालों में घुंघरालापन आ जाता है। इससे बालों को सेट करने मे भी परेशानी होती है।

बालों को सामान्य तथा ठीक करने के लिए चिकित्सा-

  • बालों का घुंघरालापन दूर करने के लिए बालों में आधी दूरी से छोर तक कण्डीशनर लगाएं। शैंपू को बालों की जड़ों में लगाएं और सूखने के बाद पामेड लगाकर बालों को सेट कर लें।
  • बालों में ब्लीचिंग, पर्मिंग, डाई, हेयर स्प्रे आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • सप्ताह मे 2 बार बादाम का तेल गर्म करके बालों की जड़ों में मालिश करें। मालिश के बाद गर्म पानी में तौलिया भिगोकर और निचोड़कर सिर पर लपेट लें।
  • दोमुंहे बालों को काटकर अलग कर लें। बाल छोटे होने पर उनकी देखभाल करना भी आसान हो जाता है।
  • बालों में हिना वैक्स लगाएं और गर्म पानी से भीगा हुआ तौलिया लपेटें। आधे घंटे के बाद सिर को अच्छी तरह से धो डालें और बालों में शैंपू करें।
  • बालों की सेंटिंग के लिए तेज हेयर स्प्रे के इस्तेमाल से बचें। इनके प्रयोग से बाल बेजान और मुरझाए से लगते हैं।
  • बालों के रोगग्रस्त होने की मुख्य समस्या `सीबम´ का अपर्याप्त स्राव है। रूसी के कारण `सीबम´ का प्रवाह रुक जाता है। इसे दूर करने के लिए सिर पर रोजाना मालिश करनी चाहिए।
  • मालिश का सबसे अच्छा तरीका है- उंगलियों को गोलाई में सिर की त्वचा पर घुमाना। एक ही स्थान पर कुछ समय तक उंगलिया घुमाने के बाद सिर के दूसरे भाग पर उंगलियां रखकर इसी तरह हल्का दबाव डालते हुए घुमाएं। इससे सिर को आराम मिलता है तथा रक्त प्रवाह सही तरह से बना रहता है। इस काम को कभी भी, कहीं भी, किसी भी समय किया जा सकता है। लेकिन अच्छा हो मालिश का यही काम आपके परिवार का कोई दूसरा सदस्य या कोई मित्र प्यार से छूते हुए करें।
  • तैलीय बालों में शैंपू करने के लिए हमेशा नींबू वाले शैंपू का ही इस्तेमाल करना चाहिए। शैंपू को पानी में मिलाकर बालों की जड़ों में अच्छी तरह से लगाएं।
  • बालों को धोते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि धूल-मिट्टी के साथ ही पूरा शैंपू भी बालों में से निकल जाए।
  • बालों को आखिरी बार धोते समय पानी में सिरका या नींबू का रस मिला लें और उससे सिर को धोएं।
  • बालों का कोई भी सिम्पल सा स्टाइल बना लें। साफ, चमकीले बाल सिम्पल से स्टाइल में भी अच्छे लगते हैं।
  • हल्की पर्मिंग से बालों की चिकनाई कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में बार-बार बालों में शैंपू नहीं करना चाहिए।
  • महीने में 1-2 बार आप हेयर कण्डीशनर भी इस्तेमाल कर सकती है।
  • सिर को धोने के बाद बालों को तौलिए से सुखाकर, ब्रश से संवारे और ड्रायर से सुखा दें।

1.     साफ-सफाईबालों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि बालों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए। अगर आपके बाल रूखे हो तो सर्दी के मौसम में सप्ताह मे 2 बार और गर्मी के मौसम में 3-4 बार बालों को धोना चाहिए। ज्यादा व्यस्त रहने के कारण अगर बाल न धो पाये तो गर्मी में 2 बार और सर्दी में कम से कम 1 बार तो बालों को जरूर धोएं। तैलीय बाल ज्यादा चिपचिपे होते हैं इसलिए उन्हे रोजाना धोना ठीक रहता है। इससे तैलीय बालों मे रूसी पैदा नहीं होती है। आपके बाल कैसे है इसके अनुसार बाजार में शैंपू मिलते हैं जैसे रूखे बालों के लिए अलग शैंपू, तैलीय बालों के लिए अलग और साधारण बालों के लिए अलग शैंपू। केमिकल वाले शैंपू से अच्छे सतरीठा शैंपू रहते हैं। अगर शैंपू नहीं इस्तेमाल कर सकते तो पिसा हुआ आंवलारीठाशिकाकाई या शिकाकाई वाला साबुन इस्तेमाल में लाना चाहिए। खट्टे दही में बेसन मिलाकर बालों में लगाने से भी लाभ होता है। दही में पिसी हुई दाना मेथी मिलाकर लगाने से बाल काले रहते हैं। अपना बाल बनाने वाला कंघा, ब्रश भी बिल्कुल साफ रखने चाहिए और दूसरों से अलग भी। अगर सिर में जुएं हो तो परलाईस क्रीम लगाने से लाभ होता है।

2.     मालिश- सिर पर मालिश करना सिर की त्वचा के लिए बहुत ही लाभकारी रहता है। पर आजकल के समय में लड़कियों को अगर बालों में तेल लगाने के लिए कहें या मालिश करने के लिए बोले तो मुंह बनाती है या सिर्फ बालों में ऊपर से ही तेल लगा लेती है। लेकिन वे ये भूल जाती है कि सिर धोने से पहले बालों में अच्छी तरह से तेल की मालिश करना कितना लाभकारी होता है। बालों में ब्राह्मीजटामांसी या आंवला के तेल से मालिश करने से बालों की जड़ों को पोषण मिलता है और त्वचा में खून का बहाव बढ़ने से बाल स्वस्थ रहते हैं। अगर आपके बाल सामान्य है तो सप्ताह में 1 बार और रूखे बालों में सप्ताह में 2 बार सिर धोने से पहले मालिश करनी चाहिए। सिर में मालिश करने के लिए रात को सोने से पहले तिल या नारियल के तेल को थोड़ा सा गर्म करके बालों में अच्छी तरह से लगाना चाहिए। सुबह उठकर उंगलियों के पोरों से सिर की त्वचा पर अच्छी तरह मालिश करके सिर को धो लें। अगर किसी कारण से पूरी रात सिर में तेल लगाकर न सो पाए तो सुबह उठकर लगा लें और फिर गर्म पानी में तौलिये को भिगोकर निचोड़ लें और सिर पर लपेट लें। इसके करीब डेढ़-दो घंटे के बाद उंगलियों के पोरों से बालों की जड़ों में मालिश करें और फिर सिर को धो लें। इससे खून का बहाव तेज होकर बालों को पोषण मिलेगा और उनका टूटना-झड़ना बन्द हो जाएगा।      

3.     व्यायाम- रोजाना रात को सोने से पहले बालों को खोलकर उन पर अच्छी तरह से ब्रश करें। इससे बालों की धूल-मिट्टी निकलने के साथ उनका व्यायाम भी हो जाता है। बालों की लटों को पकड़कर उंगलियों पर लपेटकर ऐंठिए, इस व्यायाम को भी थोड़ी देर तक कीजिए। फिर ढीली सी चोटी बांधकर सो जाइए। सुबह खुली हवा में घूमते समय या व्यायाम करते समय बालों को खोलकर रखिए जिससे कि उन्हे ऑक्सीजन मिल सके। थोड़ी धूप भी लेना जरूरी है क्योंकि इससे विटामिन `डी´ मिलता है। फिर घर की साफ-सफाई करते समय बालों मे कपड़ा लपेट लें ताकि धूल-मिट्टी बालों में न चिपके। इसके बाद भी नहाने से पहले बालों को खुला छोड़ देने से लाभ होता है।

4.     जूं पड़ना- बालों में जूं पड़ने का कारण उनकी गन्दगी है। अगर बालों को ठीक तरह से साफ रखा जाए तो बालों में जूं नहीं पड़ती है। पर कभी-कभी ज्यादा साफ घने, लंबे बालों में भी जूं हो जाती है। ये किसी के कंघे, ब्रश, रूमाल आदि से चढ़कर एक-दूसरे के सिर में पहुंच जाती है और फिर अण्डे देती हुई आगे बढ़ने लगती है। जूं पड़ने के कारण कभी-कभी टायफाइड जैसा बुखार भी हो सकता है। बालों में से जुंओ को दूर करने का उपाय शुरू मे ही कर लेना चाहिए ताकि ये आगे बढ़े नहीं। जुंओं के अण्डों (लीखों) को समाप्त करने के लिए बारीक दांतों वाली कंघी को बालों में काफी देर तक फेरना चाहिए ताकि वे निकल जाए नहीं तो बढ़कर ये पूरे सिर में फैल जाएगी। जुएं ज्यादा हो जाने पर टेलकम पाउडर में 10 प्रतिशत डी.डी.टी. मिलाकर रात को सोने से पहले सिर में लगाना चाहिए। अपने आंख-मुंह-नाक को कपड़े से ढक लीजिए और सिर पर कोई कपड़ा बांधकर सो जाइए। रातभर इस पाउडर को सिर में लगाकर रखें और फिर सुबह धो लें। इससे जुएं तो मर जाती है पर उनके अण्डे समाप्त नहीं होते इसलिए 8-10 दिन बाद इस प्रयोग को दुबारा करिए। कंघी को साबुन और गर्म पानी से धोकर साफ रखना चाहिए। पलंग की चादरों को भी गर्म पानी में उबालकर धो लें ताकि उसमे कोई जूं न रह जाए।

सावधानी-

  • बालों को स्वस्थ और सुन्दर बनाने के लिए आपके भोजन में प्रोटीन, विटामिन `बी´-संश्लिष्ट, विटामिन `सी´ और `डी´ कैल्शियमफास्फोरस, आयन तथा आयोडीन की पूरी मात्रा होना जरूरी है। भोजन में भारी, तले हुए पकवान, तेज मिर्च-मसाले, गर्म पीने वाले पदार्थ और मिठाई नहीं खाने चाहिए। इनके बदले दूध, दही, अण्डा, पनीर, मक्खन, गाजर, टमाटर, खीरा, मूली, सलाद, पालक, चौलाई जैसी पत्तेवाली सब्जियां, आंवला, अमरूद, नींबू, खजूर, मूंगफली, आम, अंगूर, सन्तरा, सेब, मौसमी जैसी चीजों का उपयोग ज्यादा से ज्यादा मात्रा मे करना चाहिए।
  • बालों के लिए जरूरी खनिज लवण इन सभी चीजों में मिल जाएंगे। विटामिन `बी´ की मात्रा पूरी करने के लिए चोकर के साथ खमीरी रोटी और छिलके वाली दाल ले सकती है। विटामिन `डी´ के लिए खुले बालों में धूप खाना अच्छा है इससे बालों को ऑक्सीजन मिलती है। आयोडीन की कमी से भी बालों पर बुरा असर पड़ता है, इसे पूरा करने के लिए सिंघाड़ा, कमल-ककड़ी, तालमखाना जैसी पानी के अन्दर उगने वाली चीजों और समुद्री मछली या काड लिवर आयल से आयोडीन प्राप्त कर सकते हैं।
  • ऐसे ही भोजन में खनिज, विटामिन और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने और कार्बोहाइड्रेट, वसा को कम करने से आपका स्वास्थ्य तो सुधरेगा ही बल्कि बाल भी घने, काले, चिकने, मुलायम और चमकदार बनेंगे। अगर पेट में कब्ज रहती हो, पाचन शक्ति ठीक न हो तो बाल जल्द ही पकने और झड़ने लगते हैं। चाय, कॉफी जैसे गर्म पदार्थों को पीने से भी बालों को नुकसान होता है। इसके साथ ही चिन्ता, तनाव और ज्यादा दिमागी मेहनत वाला काम करने से भी बालों के झड़ने का रोग होता है।
  • कब्ज को भोजन में सुधार करके दूर किया जा सकता है। 2 चम्मच शहद और 1 नींबू को गर्म पानी में निचोड़कर पीने से भी कब्ज दूर हो जाती है। कब्ज में त्रिफला चूर्ण या ईसबगोल की भूसी भी लाभकारी होती है। परन्तु अगर दिमाग में चिन्ता या तनाव रखते हैं तो अच्छे से अच्छा भोजन भी बालों को लाभ नहीं पहुंचा सकता है इसलिए इससे बचने के लिए पूरी नींद लेनी चाहिए।

 बालों की देखभाल के लिए घरेलू नुस्खे-

  • 1 अण्डे को अच्छी तरह से फेंटकर उसमें शराब मिलाकर 10 मिनट के लिए सिर पर लगा लें। इसको लगाने से बाल बढ़ने लगते हैं।
  •  पुदीने की पत्तियों और अजमोद को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर रोजाना सिर पर इसकी मालिश करने से बालों के बढ़ने में लाभ होता है।
  • आधा कप शराब में थोड़े से प्याज के टुकड़े डालकर 1 दिन के लिए रख दें। फिर 1 दिन के बाद प्याज के टुकड़ों को शराब में से बाहर निकाल दें और सिर पर इसकी मालिश करें। इसे बाल झड़ना बन्द हो जाते हैं और सिर पर नए बाल भी उगना शुरू हो जाते हैं।


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